।। मंगलदायक मंत्रः ।।

ॐ ह्रीं वरे सुवरे अ सि आ उ सा नमः ।।

(यह मंत्र प्रतिदिन एकांत में शुद्ध भाव एवं धुप के साथ १०८ बार जपना चाहिए )